आखिर क्यों होती हैं बीयर की बोतलें सिर्फ भूरे या हरे रंग की ही, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Beer Bottle Colour Fact: हजारों साल पहले बीयर बनाने वाली कंपनी प्राचीन मिस्र में थी। यहां शुरू में पारदर्शी बोतलों में बीयर परोसी जाती

आखिर क्यों होती हैं बीयर की बोतलें सिर्फ भूरे या हरे रंग की ही, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
Beer Bottle colour Fact

Beer Bottle Colour Fact: अगर आप बीयर पीते हैं या कभी बीयर की बोतल देखी है तो आपने देखा होगा कि बीयर की बोतल या तो हरे रंग की होती है या फिर भूरे रंग की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा होने के पीछे क्या कारण है? क्या आपने कभी सोचा है कि बीयर की बोतलें केवल हरे या भूरे रंग की क्यों होती हैं, या बीयर को    सफेद या पारदर्शी गिलास में क्यों नहीं रखा जाता है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। 

इस कारण पड़ी Brown और Green बोतल की जरूरत

ऐसा कहा जाता है कि हजारों साल पहले पहली बीयर बनाने वाली कंपनी प्राचीन मिस्र में थी। यहां शुरू में पारदर्शी बोतलों में बीयर परोसी जाती थी। इस बीच, कई बीयर निर्माताओं ने पाया कि बीयर में एसिड सूरज की रोशनी और इसकी पराबैंगनी किरणों के साथ प्रतिक्रिया कर रहा था। इस रिएक्शन की वजह से बीयर से बदबू आने लगी और लोग इससे दूर रहने लगे।

इस तरह इस्तेमाल में आई भूरे रंग की बोतलें  

वहीं, इस समस्या के समाधान के लिए कई तरह के समाधान निकाले गए। इसी क्रम में बीयर निर्माताओं ने बीयर के लिए ऐसी बोतलें चुनीं, जिन्हें ब्राउन कोटिंग से लेपित किया गया था। इस क्रम में भूरे रंग की बोतलों का इस्तेमाल किया गया। गौर करने वाली बात है कि यह ट्रिक भी काम आई। इस रंग की बोतलों में रखी बीयर भी खराब नहीं हुई। यानी सूरज की किरणों का असर भूरे रंग की बोतलों पर नहीं पड़ा।

विश्व युद्ध के कारण इस्तेमाल हुई हरे रंग की बोतलें 

हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, निर्माताओं के सामने एक और समस्या पैदा हुई। इस दौरान भूरी बोतलों का अकाल पड़ गया। इस रंग की बोतलें उपलब्ध नहीं थीं। ऐसे में बीयर बनाने वालों को एक और रंग चुनना पड़ा जो सूरज की किरणों से प्रभावित न हो। फिर हरे रंग का चयन किया गया। इसके बाद से ही बीयर हरी बोतलों में बिकने लगी।