गौर गांव मिट्टी सड़क बनाने का टेंडर लैप्स होने की कगार पर

लोगों की जगी उम्मीद पर वन विभाग ने फेरा पानी 13 लाख में हुआ था टेंडर

गौर गांव मिट्टी सड़क बनाने का टेंडर लैप्स होने की कगार पर

Cg news/आजादी के बाद अभी तक सड़क नहीं बनने से आम जनता आक्रोशित मैनपुर ब्लॉक मुख्यालय से 35 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत गौर गांव की आश्रित ग्राम झोला राव की सड़क आजादी बाद भी समस्या बनी हुई है। स्थिति ऐसी है कि उस रास्ते से रहवासी राशन सामग्री लाने से घबराते हैं। यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो कोई गाड़ी वाला आने-जाने को तैयार नहीं है। बरसात के दिनों में स्कूली बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है।

आये दिन इस सड़क कोई न कोई गिरने से घायल होता ही है। सैकड़ों बार आवेदन-निवेदन करने के बाद जब मिट्टी से सड़क को पाटकर सड़क बनाने की बारी टेंडर अलग-अलग होना है आयी तो अब वन विभाग हाथ खींच रहा है। विशेष बात यह है कि एक वर्ष पूर्व वन विभाग ने सड़क की मरम्मत के लिए 13 लाख रुपए का टेंडर भी जारी किया और बनाने के लिए स्वीकृति भी मिल गई है।

सड़क न बनने से अब रहवाही आक्रोशित हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद सड़क के लिए थोड़ी उम्मीद जगी तो वन विभाग पीछे क्यों हट रहा है?आपको बता दे कि बॉडर से लगा ओड़िशा है, वहां की सरकार ने सभी तरह की सुविधाएं दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा अब तक 22 साल होने के बाद भी छत्तीसगढ़ के रहवासियों के लिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा नहीं दी जा रही है। 

प्रेम सिंह नेताम ने बताया कि सड़क की मांग को लेकर बार-बार शासन प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। जिलाधीश से लेकर मंत्री तक आवेदन निवेदन किया जा चुका उसके बाद भी सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा है। जबकि सड़क की स्वीकृति मिल चुकी है उसके बाद भी संबंधित विभाग सड़क निर्माण नहीं कर रहा है। इस रास्ते पर चलने के लिए 10 बार सोचते हैं।

समस्या की वजहः सोरी
वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेगा बीएल सोरी ने बताया कि सड़क के लिए टेंडर हुआ, लेकिन जेसीबी की ठेका अलग है। रोलर का ठेका अलग है। मिट्टी कार्य का ठेका अलग है। मुरूम का ठेका अलग है। ठेका अलग अलग होने के कारण अब स्थिति यह है कि यह काम अन्य विभाग को दिया जाना चाहिए। वहीं पूर्व सरपंच साधुराम नेताम ने बताया कि लंबे अरसे से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है लेकिन सड़क तस की तस है। सुविधाएं न मिलने से लोग काफी आक्रोशित है।