वन संसाधन अधिकार सहित हीरा खदान पर लिया निर्णय

मूलभूत सुविधाओं पर दिया गया बल

वन संसाधन अधिकार सहित हीरा खदान पर लिया निर्णय

गरियाबंद मैनपुर। ग्राम जांगड़ा में 4 से 5 जनवरी तक दो
दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 10 ग्राम पंचायतों जैसे जांगड़ा, तौरेंगा, बोइरगांव, कुल्हाडीघाट, साहेबिनकछार, भूतबेडा, इन्दागाँव कोयबा, अमाड़, अड़गडी के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थिति हुए। प्रथम दिवस माटी महतारी धरती दाई के पूजा अर्चना बाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

मुख्य वक्ताओं ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम सभा को जल, जंगल, जमीन, खनिज संपदा का संरक्षण संवर्धन का अधिकार ग्राम सभा को देने बाबत नियम बनाने का स्वागत भी किया। जल, जंगल, जमीन, गौण खनिज संपदा का अधिकार लेने पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

ग्राम सभा सदस्यों ने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार को लेकर आ रही अड़चनों पर विस्तृत चर्चा की। विभागीय अधिकारियों को इस पर ईमानदारी पूर्वक अमल करने की बात कही गई।

विधानसभा ना लोक सभा सबसे बढ़कर ग्राम सभा, ऐसे कानून सम्मत नारों से कार्यशाला में गूंज सुनाई दी। अपने हक अधिकार को लेकर ग्राम सभा सदस्यों में जागरुकता भी देखी गई। इस दो दिवसीय कार्यशाला में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए अपनी बातों को प्रमुखता जयराम नागवंशी जनपद सदस्य, टीकम नागवंशी ग्राम कुरूभाँठा, अर्जुन सिंह नायक ग्राम नागेश, कृष्ण कुमार नेताम सरपंच ग्राम पंचायत अड़गड़ी, पुस्तम मांझी सरपंच ग्राम इस मौके पर ये लोग थे उपस्थित पंचायत अमाड़, मिथुला बाई नेताम सरपंच ग्राम पंचायत जांगड़ा, हेमंत नेताम सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत जांगडा, भानु प्रताप सिन्हा उप सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत जांगड़ा, करण सिंह नाग ग्राम सभा सदस्य ग्राम करलाझर, मधु सिंह ओटी ग्राम कोयबा, बृजलाल नागवंशी बरगांव, वैशाख राम मरकाम पेंड्रा, चमार सिंह पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत जांगड़ा, पलटन ध्रुव ग्राम सभा सदस्य ग्राम जुगाड़, विशाल सोरी ग्राम सभा सदस्य पायलीखंड, मंगलू राम मरकाम उप सरपंच ग्राम पंचायत अड़गडी, तिलक मांझी सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत कोयबा द्वारा कार्यशाला में जल जंगल जमीन पर ग्राम सभा की नैसर्गिक अधिकार सहित ग्राम सभा के अधिकार विषयों पर विस्तारित रूप से उपस्थित ग्राम सभा सदस्यों को जानकारी दिया गया।

पूर्वक ग्राम सभा के पटल पर लाया गया। पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के कानून को समझकर उस पर सार्थक अमल करने की भी कही गई। अभ्यारण क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य एवं प्रति मानक बोरा 5000 दिया जाए। बुनियादी मूलभूत समस्याओं जैसे सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, जमीन के पट्टा का लाभ दिया जाए। आदिवासियों को 32% आरक्षण का लाभ देते हुए वन संरक्षण अधिनियम 2022 को रद्द किया जाए और पेसा कानून 1996 को पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों मे तत्काल लागू के साथ अन्य मांगें रखी गई।

सर्वसम्मति से सैकड़ों ग्राम सभा सदस्यों के उपस्थिति में देवदाहरा, कचना धुर्वा, हीरा खदान बचाओ संघर्ष समिति पायलीखंड, बेहराडीह, पेंड्रा के नाम से समिति का गठन किया गया। वहीं 10 तारीख को बोइरगांव में विशाल बैठक का आयोजन किया गया है जिसमें ग्राम सभा का ब्लॉक स्तर पर फेडरेशन गठन किया जाना है।